चौरी बेल्हा महाविद्यालय भारत के उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां गांव में स्थित एक शैक्षणिक संस्थान है। यह कॉलेज क्षेत्र के लड़के-लड़कियों को बीए और बीएड की डिग्री प्रदान करता है। यह महाराजा सुहेल देव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ से संबद्ध है और शिक्षकों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है।
चौरी बेलहा महाविद्यालय,तराव,आजमगढ़
चौरी बेलहा महाविद्यालय,तराव,आजमगढ़
चौरी बेल्हा महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1995 में तरवां गांव के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और व्यवसायी चंद्रदीप सिंह ने की थी। चंद्रदीप सिंह एक गांधीवादी और समाजवादी नेता थे। शुरुआत में वे कांग्रेस से जुड़े थे, लेकिन बाद के चरणों में उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी और अपने शैक्षणिक प्रयासों तक ही सीमित रहे।
चौरी बेलहा महाविद्यालय,तराव,आजमगढ़
चौरी बेल्हा महाविद्यालय की स्थापना से पहले, उन्होंने 1948 में इसी नाम से एक इंटरमीडिएट कॉलेज की स्थापना की। दोनों कॉलेज क्षेत्र के एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान के रूप में उभरे हैं।
चौरी बेलहा महाविद्यालय,तराव,आजमगढ़
कॉलेज 10.540 हेक्टेयर भूमि पर स्थित है। इसका संचालन चौरी बेल्हा महाविद्यालय समिति द्वारा किया जाता है, जो एक पंजीकृत सोसायटी है। महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति सम्बद्ध महाराजा सुहेल देव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ द्वारा अनुमोदित है।
चौरी बेलहा महाविद्यालय,तराव,आजमगढ़
इस अनुकरणीय और निस्वार्थ कार्य को देखकर देश के जाने-माने समाजसेवी ठाकुर वीके सिंह ने स्वर्गीय ठाकुर झगड़ू सिंह के नाम पर कला संकाय भवन निर्माण के लिए धनराशि देकर सहयोग प्रदान किया। बाद में राजनीतिज्ञ ठाकुर अमर सिंह ने बीएड ब्लॉक के निर्माण के लिए अनुदान दिया। कॉलेज में एक प्रशासनिक ब्लॉक है जिसमें प्रिंसिपल रूम, शिक्षक कक्ष, क्लर्कों के कार्यालय, पुस्तकालय, वाचनालय आदि शामिल हैं। पर्याप्त खेल सामग्री उपलब्ध है। राष्ट्रीय समाज सेवा योजना उपलब्ध है और एनएसएस स्वयंसेवक वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान जैसी गतिविधियों में लगे हुए हैं।